सोमवार, 3 सितंबर 2012


जन्मदिन तुम्हारा
क्या दूं
तुम्हारे जन्मदिन पर
जो हो हर जन्मदिन से बेहतर
जो तुम्हे ऐसे खुश कर सके
जैसे कि दुखों के अगाध सागर के पार
तट पर पहला कदम रखते होता है किसी को
कि तुम मुझे कुछ ऐसे टूट कर प्यार करो
कि मैं , हाँ सिर्फ मैं ही हूँ
जो तुम्हे वो सब दे सकता है
जिसका ख्वाब ही देख पायी हो तुम अब तक
क्या दूं ऐसा
जो भुलाये न भूले
क्या बोलो क्या ?
है कुछ ऐसा
ऐसा कुछ हो भी सकता है क्या ?

हाँ ,ऐसा कुछ है
ऐसा कुछ हो सकता है
कि ,मै ऐसा कुछ ढूँढ रहा हूँ
तुम्हारे लिए अनवरत
ये अहसास ही है बहुत ...

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