शनिवार, 30 जून 2012


संसद के साठ साल और माँ के भी मेरी / खामोश क्यों रहें ये लब मुझे मालूम हुआ ||


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ऊलजुलूल हरकतों का सबब मुझे मालूम हुआ |
कोई सठिया गया है अब मुझे मालूम हुआ ||

उस नाखुदा को क्या कहें जिसने डुबो दिया |
भोला भी बहोत था तब मुझे मालूम हुआ ||

गो चिलमनों में उसकी कई छेद थे मगर |
गफलत में हम ही थे तब मुझे मालूम हुआ ||

माँ अपनी थी वैसी ही और बाप भी वैसे |
तकरार उसूलों पे हुई जब मुझे मालूम हुआ ||

लिखा है हर्फे माँ भी गलत सांवली तस्वीर में 
माँ क्यों हुई है जाँबलब मुझे मालूम हुआ ||

संसद के साठ साल और माँ के भी मेरी |
आँखों का मोतिया है धुला अब मुझे मालूम हुआ ||

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