किसी भरम में जी रही हूँ क्या
मैं , अभी जेल में , नहीं हूँ क्या
चित तुम जीते पट मै हारी
मैं ,किसी खेल में , नहीं हूँ क्या
लम्हा लम्हा ... तेरे सफर में हूँ
मैं , अभी रेल में , नही हूँ क्या
बुझती जाऊं हूँ , जलते जलते
मैं ,भीगी तेल में , नही हूँ क्या
मुझपे नाहक ही हक जमाता है
मैं , अभी सेल में , नही हूँ क्या
साये सी तेरे साथ साथ रहती हूँ
मै , नकेल में , नही हूँ क्या
मैं , अभी जेल में , नहीं हूँ क्या
चित तुम जीते पट मै हारी
मैं ,किसी खेल में , नहीं हूँ क्या
लम्हा लम्हा ... तेरे सफर में हूँ
मैं , अभी रेल में , नही हूँ क्या
बुझती जाऊं हूँ , जलते जलते
मैं ,भीगी तेल में , नही हूँ क्या
मुझपे नाहक ही हक जमाता है
मैं , अभी सेल में , नही हूँ क्या
साये सी तेरे साथ साथ रहती हूँ
मै , नकेल में , नही हूँ क्या
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें